Top 10 Short Moral Stories in Hindi from grandmother
Bedtime heard short moral stories in Hindi from grandmother in childhood
Short Moral Stories in Hindi Heard from Our Grandmother
Short moral stories in Hindi language have always been an essential part of our childhood, often shared by our grandmothers with love and wisdom. These stories, passed down through generations, not only entertained us but also instilled valuable life lessons. Whether narrated during evening tea, before bedtime, or on lazy afternoons, each tale carried a meaningful message that left a lasting impact.
These short moral stories in Hindi, rich in cultural values, taught us about honesty, kindness, courage, and the importance of doing the right thing. The simple yet profound way in which our grandmothers told these tales made them unforgettable. Through captivating characters like clever animals, brave kings, wise sages, and humble villagers, the stories addressed life’s biggest challenges and moral dilemmas. For many, the sound of a grandmother’s voice recounting one of these timeless tales remains a cherished memory that continues to guide them through life.
(रात्रि को सोते समय दादी मां से सुनी हुई कहानियां )
- चतुरबगुला और बेवकूफ सियार की कहानी.
- ईमानदारहिरनऔर उसके बच्चे.
- कौए और तोते की प्यास.
- ईमानदार लुटेरा.
- चार दोस्तों को शेर की सलाह.
- अभिमानी बाघ की कहानी.
- दादी मां ने सुनाई कहानी.
- जादुई तलवार .
विवरण.. DESCRIPTION…In the stories heard, the children are cleverly, honesty, patience and tactics, friendships, and are full of magic, which will be motivated to teach something new and learning every day. दादी मां ने सुनाई हुई कहानियों में, बच्चों को चतुराई, ईमानदारी, धैर्य और युक्ति, दोस्ती कैसी हो, और जादू से भरी हुई है जिसे पढ़कर बच्चे हर दिन कुछ नया करने और सीखने को प्रेरित होंगे.
कहानी 1 : चतुर बगुला और बेवकूफ सियार की कहानी
(Story of clever herull and stupid jackal )
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक चतुर बगुला और एक बेवकूफ सियार रहते थे। बगुला बहुत ही चालाक था और हमेशा अपनी बुद्धिमानी से दूसरों को मात देता था। सियार, हालांकि, बहुत ज्यादा समझदार नहीं था और अक्सर अपनी बेवकूफी के कारण मुश्किल में पड़ जाता था।
एक दिन, सियार ने सोचा कि वह बगुले को धोखा देकर अच्छा भोजन कर सकता है। उसने बगुले के पास जाकर कहा, “मित्र, मैंने सुना है कि तुम बहुत बुद्धिमान हो और मुझे एक योजना सूझी है जिससे हम दोनों को बहुत सारा भोजन मिल सकता है।”
बगुले ने अपनी चतुराई से मुस्कुराते हुए पूछा, “क्या योजना है, सियार भाई?”
सियार ने कहा, “हम दोनों मिलकर इस जंगल के सबसे बड़े तालाब में जाते हैं। वहाँ बहुत सारी मछलियाँ हैं। मैं उन मछलियों को पानी से बाहर निकाल दूँगा और तुम उन्हें खा लेना। फिर बारी-बारी से हम दोनों खाएँगे।”
बगुला समझ गया कि सियार उसे धोखा देने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसने सोचा कि क्यों न इस खेल में उसका साथ दिया जाए। उसने कहा, “ठीक है, सियार भाई, चलो तालाब की ओर चलते हैं।”
दोनों तालाब पर पहुंचे। सियार ने तालाब में छलांग लगाई और मछलियों को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा। लेकिन मछलियाँ बहुत फुर्तीली थीं और सियार उन्हें पकड़ नहीं पाया। सियार थककर तालाब के किनारे बैठ गया।
बगुला तब तक तालाब के किनारे खड़ा रहा और देखता रहा। उसने सियार से कहा, “सियार भाई, तुम तो बहुत थक गए हो। अब तुम आराम करो, मैं मछलियाँ पकड़ता हूँ।” सियार खुश हो गया और सोचा कि बगुला अब सारा काम करेगा और वह आराम से मछलियाँ खाएगा।
बगुला तालाब के पास गया और धीरे-धीरे अपने लंबे चोंच से मछलियाँ पकड़ने लगा। वह मछलियों को पकड़-पकड़कर खाता रहा और सियार को कोई मछली नहीं दी। सियार ने देखा कि बगुला सभी मछलियाँ खा रहा है और वह बेवकूफ बन गया है। उसने बगुले से कहा, “मित्र, तुमने तो सारी मछलियाँ खा लीं, मेरे लिए कुछ नहीं छोड़ा।”
बगुले ने हंसते हुए उत्तर दिया, “सियार भाई, तुम्हारी योजना तो अच्छी थी, लेकिन उसे लागू करने के लिए बुद्धिमानी भी चाहिए। इस बार तुमने मुझसे सीख ली होगी कि बिना सोचे-समझे योजना बनाना और दूसरों को धोखा देने की कोशिश करना सही नहीं होता।”
सियार ने अपनी गलती मानी और समझ गया कि चतुराई और धैर्य से ही सफलता प्राप्त होती है। इस तरह, उसने बगुले से एक महत्वपूर्ण सीख ली और भविष्य में ईमानदारी और समझदारी से काम करने का संकल्प लिया।
इस कहानी से बच्चों को यह सीखने को मिलती है कि चतुराई और बुद्धिमानी से ही सफलता प्राप्त होती है और धोखा देने की कोशिश करने से खुद को ही नुकसान हो सकता है।
कहानी 2 : ईमानदार हिरन और उसके बच्चे | Honest buck and her children
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक ईमानदार हिरन अपने दो छोटे बच्चों के साथ रहता था। हिरन अपने बच्चों को हमेशा सच्चाई, ईमानदारी और नैतिकता का महत्व सिखाता था। उसने अपने बच्चों को यह सिखाया था कि कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए और हर परिस्थिति में ईमानदारी का पालन करना चाहिए।
एक दिन, जंगल में एक बड़ा शेर आया। शेर बहुत भूखा था और भोजन की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था। अचानक उसकी नजर हिरन और उसके बच्चों पर पड़ी। शेर ने तुरंत उनका पीछा करना शुरू कर दिया। हिरन ने शेर को देखा और तुरंत अपने बच्चों को लेकर भागने लगा।
हिरन अपने बच्चों को लेकर जंगल में दौड़ता रहा, लेकिन शेर भी तेजी से पीछा कर रहा था। हिरन ने अपने बच्चों से कहा, “बच्चों, हमें शेर से बचने के लिए जल्दी से किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचना होगा। याद रखना, हमें हमेशा सच्चाई और ईमानदारी का पालन करना चाहिए, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।”
भागते-भागते हिरन और उसके बच्चे एक गहरी खाई के किनारे पहुंच गए। खाई इतनी चौड़ी थी कि उसे पार करना मुश्किल था। हिरन ने अपने बच्चों को पीछे छुपाया और शेर के सामने खड़ा हो गया। शेर ने हिरन से कहा, “तुम्हें पता है कि मैं बहुत भूखा हूँ और तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को खाने आया हूँ।”
हिरन ने शांतिपूर्वक उत्तर दिया, “मुझे पता है, लेकिन मुझे अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता है। मैं जानता हूँ कि तुम शिकार करोगे, लेकिन कृपया मेरे बच्चों को मत मारना।”
शेर ने हिरन की ईमानदारी से प्रभावित होकर कहा, “तुम्हारी ईमानदारी और साहस ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। मैं तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को छोड़ देता हूँ। तुम अपनी राह जाओ।”
हिरन ने शेर का धन्यवाद किया और अपने बच्चों को लेकर वहां से चला गया। उसने अपने बच्चों को बताया कि ईमानदारी और सत्य हमेशा कठिन परिस्थितियों में भी हमारी रक्षा करते हैं।
इस कहानी से बच्चों को यह सीखने को मिलता है कि सच्चाई और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण गुण हैं, और इन्हें किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ना चाहिए। ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से न केवल हम सम्मान प्राप्त करते हैं, बल्कि कठिनाईयों से भी पार पा सकते हैं।
कहानी 3 : कौए और तोते की प्यास | The Thirst of the Crow and the Parrot.
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक कौआ और एक तोता रहते थे। दोनों बहुत अच्छे मित्र थे और अक्सर साथ में उड़ान भरते और खाना खोजते थे। एक दिन, गर्मी बहुत बढ़ गई थी और जंगल में पानी के सभी स्रोत सूख गए थे। दोनों मित्र बहुत प्यासे थे और पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे।
कई घंटों तक उड़ने के बाद, वे दोनों बहुत थक गए। अंततः उन्हें एक घड़ा दिखाई दिया, जिसमें थोड़ा सा पानी था। लेकिन घड़े में पानी इतना नीचे था कि वे अपनी चोंच से उसे नहीं पी सकते थे।
कौआ और तोता सोच में पड़ गए कि अब क्या किया जाए। तभी कौआ को एक तरकीब सूझी। उसने तोते से कहा, “मित्र, हमें घड़े में कंकड़ डालने होंगे ताकि पानी ऊपर आ सके और हम उसे पी सकें।”तोते को कौए की बात समझ में आ गई। दोनों ने मिलकर आसपास के छोटे-छोटे कंकड़ बीनने शुरू किए और एक-एक करके घड़े में डालने लगे। धीरे-धीरे कंकड़ों के भार से पानी ऊपर आने लगा।
कई कंकड़ डालने के बाद, पानी इतनी ऊंचाई तक आ गया कि कौआ और तोता अपनी चोंच से उसे पी सकते थे। दोनों ने अपनी प्यास बुझाई और बहुत खुश हुए।तोते ने कौए की प्रशंसा करते हुए कहा, “मित्र, तुम्हारी चतुराई और मेहनत के कारण ही हम अपनी प्यास बुझा सके। यह सिखाता है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और मिलकर काम करने से हर समस्या का समाधान हो सकता है।”
कौए ने उत्तर दिया, “हाँ, मित्र, हमें हमेशा धैर्य और समझदारी से काम करना चाहिए। मिलकर काम करने से हम हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं।”इस तरह, दोनों मित्र खुशी-खुशी अपने रास्ते पर आगे बढ़ गए, और इस अनुभव से उन्होंने धैर्य, सहयोग और समस्या समाधान के महत्वपूर्ण सबक सीखे।
इस कहानी से बच्चों को यह सीखने को मिलता है कि धैर्य और चतुराई से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है, और मिलकर काम करने से मुश्किलें आसान हो जाती हैं।
कहानी 4 : ईमानदार लुटेरा | The Honest Thief.
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक लुटेरा रहता था। उसका नाम रामू था। रामू लूटपाट करके अपनी रोजी-रोटी चलाता था, लेकिन उसमें एक विशेष गुण था – वह कभी किसी गरीब या जरूरतमंद को नहीं लूटता था। वह केवल अमीरों और धनी व्यापारियों को ही निशाना बनाता था। रामू को अपनी इस आदत पर गर्व था कि वह कभी भी निर्दोष और बेबस लोगों को परेशान नहीं करता था।
एक दिन, रामू एक अमीर व्यापारी के घर में घुसा। उसने घर के अंदर बहुत सारा सोना और चांदी देखा। जब वह उन वस्तुओं को अपने बैग में डालने लगा, तभी उसे एक आवाज सुनाई दी। वह आवाज एक बूढ़े आदमी की थी, जो व्यापारी का पिता था। बूढ़े आदमी ने कहा, “बेटा, तुम जो भी कर रहे हो, वह गलत है। चोरी करना पाप है। लेकिन अगर तुम्हें सच में इस धन की जरूरत है, तो मुझे एक वादा करो कि तुम इसे अच्छे काम में लगाओगे।”
रामू ने बूढ़े आदमी की बात सुनी और कुछ सोचने लगा। उसने उत्तर दिया, “मैं एक लुटेरा हूँ, लेकिन मैं वादा करता हूँ कि मैं इस धन का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने में करूंगा।”बूढ़े आदमी ने रामू की ईमानदारी को देखकर कहा, “अगर तुम सच में अपने वादे पर खरे उतरो, तो मैं तुम्हें यह धन ले जाने दूंगा।”
रामू ने सोना और चांदी का कुछ हिस्सा लिया और गांव के गरीबों और जरूरतमंदों में बांट दिया। उसने अपनी लूटपाट से प्राप्त धन को हमेशा अच्छे कामों में लगाया। वह गांव के बच्चों के लिए स्कूल बनवाया, गरीबों के लिए अस्पताल बनवाया, और भूखों के लिए भोजन की व्यवस्था की।
धीरे-धीरे, रामू के गांव के लोग उसे लुटेरा नहीं, बल्कि एक मसीहा मानने लगे। रामू ने अपने जीवन का उद्देश्य बदल लिया और उसने अपनी लूटपाट की आदत छोड़ दी। वह पूरी तरह से एक परोपकारी व्यक्ति बन गया, जो दूसरों की भलाई के लिए काम करता था।
इस कहानी से बच्चों को यह सीखने को मिलता है कि परिस्थितियां चाहे जो भी हों, हमें हमेशा ईमानदारी और सद्भावना से काम करना चाहिए। गलत रास्ते पर चलकर भी अगर हम अपने अच्छे कार्यों से दूसरों की मदद करते हैं, तो हमें अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने का मौका मिलता है।
कहानी 5 : चार दोस्तों को शेर की सलाह | The Lion’s Advice to Four Friends.
एक समय की बात है, एक घने जंगल में चार दोस्त रहते थे: एक बंदर, एक खरगोश, एक हिरण, और एक चूहा। वे चारों बहुत अच्छे मित्र थे और हमेशा एक-दूसरे की मदद करते थे। एक दिन, वे जंगल में घूमते हुए एक बड़े शेर के पास पहुंचे, जो जंगल का राजा था।
शेर ने चारों दोस्तों को देखा और पूछा, “तुम चारों कहाँ जा रहे हो और क्या कर रहे हो?”बंदर ने जवाब दिया, “महाराज, हम जंगल में घूमने निकले हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिता रहे हैं।”
शेर ने उन्हें ध्यान से देखा और कहा, “तुम चारों बहुत अच्छे मित्र हो, लेकिन क्या तुम जानते हो कि एक सच्ची मित्रता क्या होती है?”चारों दोस्तों ने सिर हिलाया और कहा, “नहीं, महाराज। कृपया हमें बताएं।”
शेर ने मुस्कुराते हुए कहा, “सच्ची मित्रता का मतलब है कि मुश्किल समय में एक-दूसरे की मदद करना और कभी भी एक-दूसरे को धोखा नहीं देना। मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ जिससे तुम सीख सकते हो।”
चारों दोस्तों ने ध्यान से शेर की बात सुनी।
शेर ने कहानी शुरू की, “एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक बूढ़ा हाथी रहता था। वह बहुत कमजोर हो चुका था और उसे चलने-फिरने में भी कठिनाई होती थी। एक दिन, वह जंगल के पास एक दलदल में फंस गया और उसे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझा। उसने बहुत कोशिश की, लेकिन वह और ज्यादा फंसता गया।
तभी, उस जंगल में रहने वाले चार मित्र – एक बंदर, एक खरगोश, एक हिरण, और एक चूहा – वहाँ से गुजर रहे थे। उन्होंने हाथी की परेशानी देखी और उसे मदद करने का फैसला किया। बंदर ने सबसे पहले पेड़ों की शाखाओं को इकट्ठा करके एक मजबूत रस्सी बनाई। फिर हिरण ने अपनी तेज़ दौड़ने की शक्ति का उपयोग करके रस्सी को हाथी के चारों ओर बांधा। चूहे ने रस्सी के बंधन को कसने के लिए अपने नुकीले दांतों का इस्तेमाल किया और खरगोश ने अपने नाजुक लेकिन तेज पैरों से जमीन को खोदकर रास्ता साफ किया।
चारों दोस्तों ने मिलकर हाथी को धीरे-धीरे खींचकर दलदल से बाहर निकाला। हाथी ने उनकी मदद के लिए धन्यवाद दिया और कहा, ‘तुम चारों ने मिलकर मेरी जान बचाई है। यह सच्ची मित्रता का सबसे बड़ा उदाहरण है। हमेशा मिलकर रहना और एक-दूसरे की मदद करना।’
इस कहानी से सीखो कि सच्ची मित्रता में मिलकर काम करना, एक-दूसरे की मदद करना और कभी हार न मानना सबसे महत्वपूर्ण होता है।”
शेर ने चारों दोस्तों की ओर देखा और कहा, “अब तुम समझ गए कि सच्ची मित्रता क्या होती है। हमेशा एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करो और सच्चे मित्र बनो।”चारों दोस्तों ने शेर की सलाह को ध्यान से सुना और एक-दूसरे की मदद करने का संकल्प लिया। वे खुशी-खुशी अपने रास्ते पर आगे बढ़ गए और हमेशा सच्ची मित्रता का पालन करते हुए मिलकर रहते थे।
इस कहानी से बच्चों को यह सीखने को मिलता है कि सच्ची मित्रता में एक-दूसरे की मदद करना, सहयोग करना और कठिन समय में एक साथ खड़े रहना बहुत महत्वपूर्ण है।
कहानी 6 : अभिमानी बाघ की कहानी | The Story of the Arrogant Tiger.
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक बाघ रहता था जिसका नाम शेरू था। शेरू बहुत ताकतवर और साहसी था, लेकिन उसमें एक कमी थी – वह बहुत अभिमानी था। उसे अपनी ताकत और साहस पर बहुत गर्व था और वह हमेशा अपने आपको जंगल का सबसे शक्तिशाली जानवर मानता था। वह दूसरों को तुच्छ समझता और उन्हें तंग करता था।
एक दिन, जंगल में एक बूढ़ा और समझदार हाथी आया। हाथी का नाम मोती था और वह बहुत ही शांत और विनम्र स्वभाव का था। वह जंगल के अन्य जानवरों से बहुत प्रेम करता था और हमेशा उनकी मदद करता था। जब शेरू ने मोती को देखा, तो उसने अपने अभिमान के कारण उसका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया।
शेरू ने मोती से कहा, “तुम तो बहुत बूढ़े हो गए हो, अब तुमसे कुछ नहीं हो सकता। मैं इस जंगल का राजा हूँ और मैं सबसे ताकतवर हूँ। तुम्हें मेरे सामने झुकना चाहिए।”मोती ने शांतिपूर्वक उत्तर दिया, “ताकत और शक्ति का सही उपयोग करना चाहिए। अहंकार से किसी का भला नहीं होता।”
शेरू ने मोती की बातों को नजरअंदाज किया और उसे डराने की कोशिश की। लेकिन मोती ने शेरू की किसी भी धमकी का जवाब नहीं दिया और वह अपने काम में लगा रहा। कुछ दिनों बाद, जंगल में एक बड़ा सूखा पड़ा और पानी के सभी स्रोत सूख गए। सारे जानवर पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने लगे।
शेरू भी पानी की तलाश में निकल पड़ा, लेकिन उसे कहीं पानी नहीं मिला। जब वह बहुत थक गया और लगभग हार मान चुका था, तब उसने देखा कि मोती एक गहरे कुएं के पास खड़ा है और बाकी जानवरों को पानी पिला रहा है। मोती ने कुएं के पास एक छोटा रास्ता बना दिया था जिससे जानवर आसानी से पानी पी सकते थे।
शेरू को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह मोती के पास गया। उसने सिर झुकाकर कहा, “मोती, मुझे माफ कर दो। मैंने अपने अभिमान के कारण तुम्हारा मजाक उड़ाया और तुम्हें तुच्छ समझा। आज मुझे समझ में आया कि सच्ची ताकत और शक्ति का मतलब क्या होता है।”
मोती ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हें अपनी गलती का एहसास हुआ, यही महत्वपूर्ण है। हमेशा याद रखना कि ताकत का सही उपयोग करना चाहिए और अभिमान किसी का भला नहीं करता।”शेरू ने मोती से माफी मांगी और दोनों में दोस्ती हो गई। शेरू ने अपने अभिमान को छोड़कर विनम्रता और सहयोग का रास्ता अपनाया और जंगल में सभी जानवरों के साथ मिलजुलकर रहने लगा।
सीख:अभिमान और अहंकार हमें कमजोर बनाते हैं। सच्ची ताकत और शक्ति का मतलब है विनम्रता और दूसरों की मदद करना। हमें हमेशा अपनी ताकत का सही उपयोग करना चाहिए और दूसरों के साथ प्रेम और सहयोग से रहना चाहिए।
कहानी 7 : दादी मां ने सुनाई कहानी | The Story Told by Grandmother.
एक समय की बात है, एक अनोखे शहर में, एक दादी माँ रहती थीं। उनके पास बचपन की कहानियों का खजाना था जो उनके परदादा-परदादी से चली आती थीं। हर रात, जब बच्चे अपनी कहानी सुनने के लिए उत्सुकता से इकट्ठा होते थे, दादी माँ अपनी मखमली आवाज़ में एक नई कहानी सुनाती थीं।
उनकी पसंदीदा कहानियों में से एक वह थी जिसमें एक शरारती चुड़ैल परी रहती थी जो अपने गाँव से निष्कासित हो गई थी और अब एक हिरण में बदल गई थी। दादी माँ ऐसी मनमोहक कहानियों को बयां करती थीं कि उनमें से सबसे शरारती और जिज्ञासु बच्चे भी खिंचे हुए लगते थे।
यह कहानी एक अभयारण्य के आसपास घूमती थी, जहाँ सभी तरह के जानवर रहते थे। परी अक्सर अपने नए जीवन के साथ संघर्ष करती थी और दोस्त बनाने के लिए तरसती थी। जल्द ही, वह खरगोशों, पक्षियों और अन्य जानवरों के साथ दोस्ती करती थी। उसने उन्हें अपने रहस्यमय अतीत और अभिशाप के बारे में बताया, और बदले में, वह उनकी समस्याओं को सुनती थी और आवश्यकता पड़ने पर उनकी मदद करती थी।
दिन-ब-दिन, परी को एहसास हुआ कि वह उस जगह को याद करती है जहाँ से वह आई थी। उसने अभिशप्त वस्त्र पहने और शहर की सड़कों से उड़ गई। जानवर उसके पीछे लग गए, लेकिन उसे पकड़ नहीं पाए। जल्द ही, परी उसी स्थान पर उतरी जहाँ से वह पहले भटक गई थी।
उसने धन्यवाद कहा और शहर छोड़ कर चली गई, लेकिन अपनी नई दोस्ती की यादें हमेशा अपने साथ रखते हुए गई। इस कहानी ने बच्चों को सिखाया कि सबसे कठिन समय में भी सच्ची दोस्ती और वफादारी चमकती है। यह भी सिखाती है कि भले ही हम अलग हो जाएं, हम हमेशा अपनी जड़ों को जीवित रख सकते हैं और अपने अतीत को कभी नहीं भूलना चाहिए।
कहानी 8 : जादुई तलवार | The Magical Sword.
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में टॉम नाम का एक लड़का रहता था। टॉम हमेशा सपने देखता था कि वह बहादुर, दयालु और अपने गाँव की रक्षा करने वाला नायक बने। लेकिन कभी-कभी, जब वह आँखें बंद करता, तो उसे भयानक सपने आते, जहाँ राक्षस उसका पीछा करते और अंधेरी छायाएँ उस पर हमला करती। इन सपनों ने उसे डरा दिया, और उसने अपने बचपन का आनंद खो दिया।
एक दिन, टॉम की माँ, जो हमेशा उसकी सबसे अच्छी दोस्त रही थी, उसने टॉम को भोजन के समय बताया कि उसे दादी अम्मा से उपहार मिलने वाला है। यह उपहार एक जादुई तलवार थी, जो पहले उनके परिवार में कई पीढ़ियों से चली आ रही थी। इस तलवार में नक्षत्रों के आकार के रत्नजड़ित हैंडल के साथ चांदी की चमकदार ब्लेड थी। इसके अलावा, इसमें शक्तिशाली रहस्यमय ऊर्जा थी, जो एकमात्र सच्चे योद्धा ही आकर्षित कर सकता था।
टॉम की आँखें उत्साह और आश्चर्य से चमक उठीं। उसने अपनी दादी अम्मा से तलवार के इतिहास और उसे सक्रिय करने के तरीके के बारे में सब कुछ सीखने का अनुरोध किया। अगली शाम, टॉम और उसकी दादी फायरप्लेस के पास बैठ गए, और तलवार की कहानी सुनने लगी।
बहुत पहले, एक महान और शक्तिशाली राजकुमार तलवार का उपयोग करके बड़े खतरों का सामना करते हुए असंभव चमत्कार कर चुका था। तलवार सभी बुराइयों को काटकर धूल में बदल सकती थी और सबसे कमजोर आदमी को भी अजेय बना सकती थी।
टॉम की दादी उसे तलवार पकड़ने और उसकी शक्ति महसूस करने देती थी। टॉम ने अपनी नसों में बहती हुई अद्भुत शक्ति को महसूस किया, और उसका मन साहस और बहादुरी से भर गया।
उस रात, टॉम सो नहीं सका। उन्होंने हर पल तलवार के बारे में, इसके चमकते रत्नों, इसके शक्तिशाली ऊर्जा क्षेत्र और इसके वजन को मजबूत करने के बारे में सोचा।
अगली सुबह, टॉम ने जल्दी उठकर तलवार के साथ अभ्यास करना शुरू कर दिया। पहले तो, उसके प्रयास ढीले और अनाड़ी थे, लेकिन प्रत्येक दिन बीतने के साथ, उसने अधिक आत्मविश्वास और दक्षता प्राप्त की।
टॉम के भयानक सपने गायब हो गए। अब वह डरता नहीं था; उसने अपने सपनों को बदल दिया था, और अब वह ऐसे सपने देखता था जहाँ वह अपनी नई तलवार से ड्रेगनों से लड़ता था और भूमि को भयानक खतरों से बचाता था।
जब तक शरद ऋतु आई, तब तक टॉम एक शक्तिशाली और आत्मविश्वासी योद्धा बन गया था। उसने अपने पड़ोसियों की मदद की, खतरनाक वन्यजीवों को भगा दिया, और यहाँ तक कि एक डकैत को भी हराकर उनका आभार अर्जित किया।
एक दिन, खबर आई कि एक शक्तिशाली अजगर ने पड़ोसी राज्य में तबाही मचाई है और किसी के पास इसे मारने की हिम्मत नहीं है। राजा ने घोषणा की कि जो कोई अजगर को मारकर आएगा, उसे उसका आधा राज्य और शाही महल में रहने की जगह मिलेगी।
टॉम जानता था कि यह उसका क्षण था। उसने अपनी तलवार कसकर पकड़ी, गहरी सांस ली और अजगर को मारने के लिए उड़ान भरी। घोर लड़ाई के बाद, टॉम विजयी हुआ! उसने अजगर को तलवार से मार डाला, और राज्य में जश्न मनाया गया।
राजा ने अपना वचन निभाया और टॉम को आधा राज्य और महल दिया। टॉम दयालु, बहादुर और अपने नए घर का वफादार स्वामी था। आखिरकार, उसे वह मिल गया था जिसका उसने सपना देखा थाः प्रेरणा से भरी एक कहानी और एक चमचमाती तलवार, जिसने उसे अपने डर पर विजय प्राप्त करने और नायक बनने में मदद की।
और इसलिए, टॉम उस छोटे लड़के की तरह नहीं था जो एक बार डरता था, बल्कि वह एक शक्तिशाली और आत्मविश्वासी योद्धा था, जो आगे आने वाले किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार था, और हमेशा अपनी तलवार और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ अपने गाँव और राज्य की रक्षा करता था।
हर्षा दलवाड़ी तनु
CONCLUSION:
In the short moral stories in Hindi language told by Grandmother, children learn that they should not be arrogant and should instead possess qualities like courage, bravery, cleverness, honesty, patience, and self-control, as these are the traits that lead to success in every task.
‘दादी मां ने सुनाई हुई कहानियों में बच्चों को अभिमान नहीं करना चाहिए और साहस, बहादुरी,चतुराई, ईमानदारी, धैर्य और संयम रखना चाहिए क्योंकि इससे ही हर काम में सफलता प्राप्त होती है , यह सीखने को मिलता है.
In conclusion, these short moral stories in Hindi not only bring back fond memories of our childhood but also continue to offer valuable life lessons that resonate even today. Each story, whether filled with humor, adventure, or wisdom, serves as a gentle reminder of the principles that shape our character. Just as our grandmothers once imparted these lessons with love and care, these tales now serve as timeless treasures that can inspire and guide us through every phase of life. By revisiting these stories, we not only honor our rich cultural heritage but also pass on these meaningful lessons to future generations.
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