स्वच्छता एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा
स्वच्छता एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा | स्वच्छता जीवन का आधार है।
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में दादी मां रहती थीं। वे सभी बच्चों को बहुत प्यार करती थीं। एक दिन, उन्होंने बच्चों को स्वच्छता के महत्व को समझाने के लिए एक सत्य घटना सुनाई।
दादी मां ने बताया कि उनके गांव में एक गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक छोटा लड़का था, जिसका नाम रमेश था। रमेश बहुत ही गंदा रहता था। वह कभी भी नहाता नहीं था, और उसके कपड़े हमेशा गंदे रहते थे।
एक दिन, रमेश अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। खेलते समय, वह एक गंदे नाले में गिर गया। नाले में बहुत सारा कूड़ा-कचरा था, और रमेश को बहुत चोटें आईं। उसे अस्पताल ले जाना पड़ा।
डॉक्टर ने रमेश को बताया कि अगर वह साफ-सफाई रखता, तो उसे चोटें नहीं आतीं। रमेश को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने दादी मां से वादा किया कि वह आगे से हमेशा साफ-सफाई रखेगा।
रमेश ने अपना वादा निभाया। वह नियमित रूप से नहाने लगा, और उसके कपड़े हमेशा साफ रहने लगे। रमेश स्वस्थ और खुश रहने लगा।
*सीख:*
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि स्वच्छता जीवन का आधार है। स्वच्छता रखने से हम बीमारियों से बच सकते हैं, और स्वस्थ और खुश रह सकते हैं।
*गांव के लोगों को स्वच्छता के महत्व को समझाने के लिए दादी मां ने इस कहानी का उपयोग किया।* उन्होंने बच्चों को बताया कि स्वच्छता केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार और समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है।
*गांव के लोगों ने दादी मां की बातों को समझा और उन्होंने अपने जीवन में स्वच्छता को अपनाने का फैसला किया।* उन्होंने अपने घरों और गांव को साफ रखना शुरू कर दिया।
*कुछ समय बाद, गांव एक स्वच्छ और सुंदर स्थान बन गया।* गांव के लोग स्वस्थ और खुश रहने लगे।
*यह कहानी हमें सिखाती है कि स्वच्छता एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा है।* हमें सभी को मिलकर स्वच्छता को अपनाना चाहिए और अपने जीवन में इसे लागू करना चाहिए।
स्वच्छता रखने से हम बीमारियों से बच सकते हैं, और स्वस्थ और खुश रह सकते हैं।
हर्षा दलवाड़ी तनु